Diwali Date 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या पर दीवाली मनाई जाती है. इस वर्ष दिवाली को लेकर बहुत से लोगों के मन में कन्फ्यूजन बना हुआ है. तो आइये जानते हिया आखिर दिवाली कब है. लक्ष्मीजी की पूजा को लेकर शुभ मुहूर्त क्या है. किस समय पूजा करना करना सही रहेगा. बता दें की दिवाली राम जी के विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
ज्योतिष आचार्य के अनुसार दीपावली 31 अक्टूबर को है. इस दिन में 03:12 बजे तक चतुर्दशी है. इसके बाद अमावस्या शुरू होगी जो एक एक नवंबर की शाम 05:15 बजे तक है. चित्रा नक्षत्र 31 अक्टूबर की रात 01:04 बजे तक है.
इसलिए, गुरुवार को ही दीपावली व काली पूजा मनाई जाएगी. उन्होंने बताया की 29 अक्टूबर (मंगलवार) की सुबह 11 बजे से त्रयोदशी शुरू होगा, जो बुधवार की दोपहर 1:10 बजे तक है. इस दिन भौम प्रदोष, धन्वन्तरि जयंती व मास की शिवरात्रि है. इस दिन सरसों व कंरज तेल का चौमुखी दीपक रात के पहली प्रहर में घर के दक्षिण दिशा मे जलाना बहुत ही शुभ होता है.
ऐसी मान्यता है की इसे जलने से घर में अकाल मृत्यु नहीं होती है. नर्क चतुर्दशी 30 अक्टूबर (बुधवार) को 1:10 से गुरुवार की दोपहर 3:12 तक है. इस दिन नर्क चतुर्दशी के साथ साथ कामेश्वरी जयंती भी मनाई जाती है. इसे छोटी दीपावली के रूप में भी मनाई जाती है.
दीवाली पूजा विधि इस प्रकार है
चरण 1: साफ-सफाई और तैयारी
- घर की साफ-सफाई करें।
- पूजा स्थल को सजाएं।
- दीये, धूप, अगरबत्ती, और पूजा की अन्य सामग्री इकट्ठा करें.
चरण 2: लक्ष्मी पूजा
- लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीये जलाएं।
- लक्ष्मी जी को धूप और अगरबत्ती से पूजा करें।
- फल, फूल और मिठाई चढ़ाएं।
- लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें: “ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः”
चरण 3: गणेश पूजा
गणेश जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
दीये जलाएं.
गणेश जी को धूप और अगरबत्ती से पूजा करें.
फल, फूल और मिठाई चढ़ाएं.
गणेश मंत्रों का जाप करें: “ॐ श्री गणेशाय नमः”
चरण 4: कुलदेवता पूजा
- कुलदेवता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
- दीये जलाएं.
- कुलदेवता को धूप और अगरबत्ती से पूजा करें.
- फल, फूल और मिठाई चढ़ाएं.
- कुलदेवता मंत्रों का जाप करें.
चरण 5: आरती और समापन
- लक्ष्मी जी, गणेश जी और कुलदेवता की आरती करें.
- पूजा का समापन करें.
- परिवार के साथ मिठाई और उपहार बांटें.
लक्ष्मी पूजा व्रत के लाभ
- धन और समृद्धि की प्राप्ति.
- घर में सुख और शांति.
- लक्ष्मी जी की कृपा और आशीर्वाद.
- व्यवसाय में सफलता और वृद्धि.