3KW के लिए खर्च कितना होगा खर्चा: अगर आप भी बिचली बिल से बचना चाहते है तो यहां पर आपको सोलर पैनल का विकल्प दिया गया है. इसके लिए केंद्र सरकार की पीएम सूर्य घर योजना और किसानों के लिए कुसुम प्रोजेक्ट के तहत सब्सिडी दी जा रही है. आप भी इसका हिस्सा बनकर अच्छा लाभ उठा सकते है. राजस्थान में राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त सब्सिडी उपलब्ध नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार से सब्सिडी का लाभ मिल सकता है.
जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में ‘भारत सोलर एक्सपो 2025’ चल रहा है. इसमें देश से 200 से अधिक कंपनियों की और से सोलर पैनल, इन्वर्टर, एनर्जी स्टोरेज पैनल आदि से जुड़े प्रोडक्ट को डिस्प्ले किया जा रहा है. इसमें सबसे अधिक क्रेज घरों के ऊपर लगाए जाने वाले सोलर पैनल का है.
पीएम सूर्य घर योजना और किसानों के लिए किसान कुसुम प्रोजेक्ट के तहत बिजली का उत्पादन सोलर पैनल के तहत बिजली बिल से राहत मिलती रहेगी. इस पर केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी दी जा रही है. राजस्थान में सब्सिडी स्टेट की और से नहीं है. कई अन्य राज्यों में स्टेट की और से भी सबसिटी दी जा रही है.
सोलर पैनल कितने तरीके से लगते हैं?
INA सोलर के चीफ टेक्निकल ऑफिसर दीपक जैन ने बताया- सोलर पैनल में दो तरीके का सिस्टम है. ओं ग्रिड और ऑफ ग्रिड। ऑन ग्रिड में सोलर पैनल के जरिए बिजली डिस्कॉम के पास जाती है. डिस्कॉम बिजली खरीद लेती है. अगले महीने आपके बिल में एडजस्ट कर दिया जाता है. ऑफ ग्रिड सोलर पैनल में बिजली का स्टोरेज घर में लगी बैटरी में किया जाता है. इसका बैकअप 3 से 4 घंटे का होता है. इसे घर के लिए उपयोग में ले सकते है.
मेरे घर पर कितने किलोवाट का सोलर पैनल लगेगा?
सोलर पैनल लगाने के लिए आपके महीने की बिजली बिल का कैलकुलेशन कर देखा जाता है. अगर महीने का बिजली बिल 2 से 3 हजार रूपये आता है तो आपके घर के लिए 3 KW का पैनल लगाना होगा. अगर महीने का बिल 3 से 4 हजार रुय्प्ये के बिच आता है तो 4 KW के पैनल की आवश्यकता है. जितने हजार का बिल उसके अनुसार बिजली KW का निर्धारण किया जाता है.
1 KW और 2 KW का सोलर पैनल कम उपयोग या ऑफ ग्रिड पैनल के लिए किया जाता है, कम किलोवाट के सोलर पैनल का उपयोग ज्यादातर खेतों में सिंचाई मोटर को चलाने के लिए किया जाता है. इसमें बैटरी के जरिये स्टोरेज दी जाती है.
कैसे लगवाएं सोलर पैनल
अगर आप अपने घर में सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक शानदार और पर्यावरण के अनुकूल हो सकता है. सोलर पैनल से न सिर्फ बिजली का खर्च कम होता है, बल्कि यह भी ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत का इस्तेमाल कर पर्यावरण को भी बचाता है. आइए, जानते हैं कि सोलर पैनल लगवाने की प्रक्रिया क्या होती है और इसके लिए क्या-क्या कदम उठाने होते हैं.
सोलर कंपनी से संपर्क करें
सोलर पैनल लगवाने के लिए सबसे पहले आपको एक भरोसेमंद सोलर कंपनी से संपर्क करना होगा. इस काम के लिए आप अपने नजदीकी डिस्ट्रीब्यूटर या सोलर कंपनी से संपर्क कर सकते हैं. आपकी बिजली खपत के आधार पर, यह कंपनी सोलर पैनल की उपयुक्त क्षमता तय करेगी.
बिजली बिल की कॉपी और अन्य दस्तावेज
सोलर पैनल लगाने के लिए आपको अपने घर का बिजली बिल लेकर जाना होगा, क्योंकि इसके आधार पर आपकी बिजली खपत की समीक्षा की जाती है. इसके अलावा, निम्नलिखित दस्तावेज़ों की भी आवश्यकता हो सकती है:
- आधार कार्ड
- कैंसिल चेक
- प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स आदि.
ये सभी दस्तावेज लेजाकर आपको कंपनी में जमा करवाने होंगे इससे आपकी प्रोसेस आगे बढेगी.
साइट विजिट और उपयुक्त स्थान का चयन
इसके बाद, कंपनी की टेक्निकल टीम आपके घर को विजिट करेगी. इसके बाद आपके घर पर सोलर पैनल लगाने के लिए उपयोक्त स्थान देखेगी. आम्तौअर पर, यह चाट का एक ऐसा हिस्सा होता है जहां सूर्य की रोशनी पूरी तरह से आती हो और पैनल सही से लगाया जा सकें.
आवश्यक दस्तावेज और फाइल से जुडी जानकारी
सोलर पैनल के लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज भी चाहिए जैसे की बिजली बिल, आधार कार्ड, कैंसिल चेक और प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स जमा करवाने के बाद आपको इन दस्तावेजों को प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना की वेबसाइट पर अपलोड करेगी. इसके बाद, यह फाइल डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनी) के पास भी जमा की जाएगी.
मीटर इंस्टॉलेशन
इसके बाद, आपके घर में दो मीटर इंस्टॉल किए जाएंगे:
- सोलर मीटर (जो सोलर पैनल से उत्पन्न ऊर्जा को मापेगा)
- नेट मीटर (जो आपके घर में उपयोग की जाने वाली बिजली और सोलर द्वारा उत्पादित बिजली के बीच अंतर को मापेगा)
मीटर इंस्टॉल होने के बाद, इनकी टेस्टिंग की जाएगी. यह टेस्टिंग डिस्कॉम द्वारा की जाएगी, जिसमें आमतौर पर सात दिन का समय लगता है. इसके साथ ही, टेस्टिंग के लिए 590 रुपए का शुल्क लिया जाता है और मीटर पर सील भी लगाई जाती है.
पैनल और स्ट्रक्चर इंस्टॉलेशन
टेस्टिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद, सोलर पैनल और उसका स्ट्रक्चर आपके घर की छत पर स्थापित किया जाएगा. इस काम को सोलर कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा पूरा किया जाएगा. पैनल की स्थापना पूरी होने के बाद, आपका सोलर सिस्टम तैयार हो जाएगा.
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम
यदि आप ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम का चयन कर रहे हैं, तो यह आपके घर की बिजली आपूर्ति को सीधे तौर पर डिस्कॉम से जोड़ता है. यानी जब आपके सोलर पैनल अतिरिक्त बिजली उत्पन्न करेंगे, तो यह बिजली डिस्कॉम को भेजी जाएगी और इसके बदले आपको क्रेडिट मिलेगा.